बात जरूरी है ...
बात जरूरी है ...
हां.. ये बात बहुत ज़रूरी है
जो सबको पता है, पर किसी ने कहा नहीं..
कुछ है आवाजें जिन्हें सुनना ज़रूरी है
कुछ जो लिखना चाहिए था पहले कब से
वो अब लिखना ज़रूरी है
यूं तो रोज कई खबरें छपती है अखबारों में
पर जो छप ना सका अब तक
वो आज छपना ज़रूरी ..है
वो किस्से कहानी जो अनसुने अंजाने से थे
उन्हें अब सबसे वाकिफ होना ज़रूरी है
हां.. ये बात बहुत ज़रूरी है...
ये बेखौफी से जो बत्तर हैं हालत हर जगह
बम बारूद अनगिनत हवा बनाते काले धुएं
गोलियों की आवाज़ ये मासूम खून के रेले
सूने गांव गलियां बर्बाद होते खुशी के मेले,
ये कैसी जंग है क्यूं है क्या सबब है इसका
क्या यही रह गया ताकत दिखाने का तरीका
जो भी मांग है वो मशवरे से सुलझ सकती है
क्या उसके लिए कत्ल ए आम ज़रूरी है ?
ये हमले ये विनाश ये त्राहि ये सतत संग्राम
ना आदि ना अंत है इसका ये इतना बदनाम
निर्माण की जगह बस तोड़ फोड़ और खौफ
ये हालत ये हालात कब होगा सही इंसाफ ?
ये जंग रोकनी होगी रोकना होगा ये विनाश
मासूमों की मौत का देना होगा इनको हिसाब
आला अफसरों को अब फैसला लेना होगा
लेनी होगी संवेदनशील होकर ये जिम्मेदारी
कानों में ढोल बजाना जरूरी है...
हां ... ये बात बहुत ज़रूरी है..
अस्त व्यस्त हुई व्यवस्था को पटरी पे लाएं
धीमे धीमे करें भरपाई दें निष्पक्ष सेवाएं
भोजन स्वास्थ्य शिक्षा नौकरी सब मुहैया करवाये
पुनर्निर्माण हो जोरों पर ऐसी प्रक्रिया चलाएं
हां वे सब मुमकिन है ..
पीड़ित देश का उत्थान बहुत ज़रूरी है,
हां... ये बात बहुत ज़रूरी है,
जो सबको पता है पर किसी ने कहा नहीं
वो बात कहना ज़रूरी है
हां... ये बात बहुत ज़रूरी है।