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Aishani Aishani

Abstract Action

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Aishani Aishani

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बात अमीरी गरीबी की नहीं..!

बात अमीरी गरीबी की नहीं..!

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बात अमीरी गरीबी की नहीं

बात तो पेट के आग की है

हमें रोटी का इंतजार होता है

भरी थाली तुम्हारा इंतजार करती है

पर...

तुमको भूख नहीं...! 


तुम अपनी थकान मिटाते हो

विद्युत चालित कूलर.. /

पंखे.. /

और वातानुकूलित कक्ष में

और हम

जब थककर चूर हो जाते हैं 

तब अपनी थकान मिटाने को

पीपल की छाँव भी कूलर सी लगती हैं..! 


हमारी गरीबी हमें लजाती नहीं 

पर.. 

तुम ठाट से रहकर भी अघाते नहीं

हमारा स्वीमिंग पुल 

हमारे गाँव की वो छोटी सी नदी

जिसमें बहता अविरल ठंडा जल 

और तुम... 

ह्ह्ह्..! ह्ह्ह..! 

बनवाते हमारे बूते तरणताल अपने महलों में..! 


हाँ..! 

बात ईमान की करें तो 

हमारी ईमानदारी भी तुम्हें बेमानी लगती है

हम चोर और भिखारी हो जाते हैं

और तुम...? 

ऊपरी आमदनी बात कर 

जाने क्या क्या डकार जाते हो..! 


बस...! 

इतना ही अंतर है काफी या और बताऊँ..? 

कहो तो लिबास की बात करूँ

या फिर.. 

परवरिश का फर्क भी बताऊँ

शिक्षा.. / संस्कार.. / 

सभ्यता की बातें भी करूँ क्या..? 


लाख गरीब होते हैं 

पर.. 

हमारे भगवान हमारे साथ होते हैं

हमारे माता-पिता बड़े अमीर होते हैं

दिल से और अपने अपनापन से

पर...? 

छोड़ो जाने दो 

क्या क्या सुनोगे

कुछ भी कहे हम 

पर तुम हम पर थोड़ा हँसोगे 

और.. 

बहुत सड़ा सा मुंह बनाकर 

हमें दो-चार अंग्रेजी गालियाँ दोगे

और फिर... 

नाली के कीड़े 

और भी न जाने क्या क्या बनाकर चल दोगे

पर..

हमारा साफ और नेक दिल 

तुम्हें दिखाई नहीं देगा..!! 



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