हरित धरा सज जाती हरियाली छा जाती है, साज सजे चहूँ ओर बसंती हवा चल जाती है हरित धरा सज जाती हरियाली छा जाती है, साज सजे चहूँ ओर बसंती हवा चल जाती है
तुमसे न जाने क्या क्या बात कर कभी लजाती कभी डर जाती तुमसे न जाने क्या क्या बात कर कभी लजाती कभी डर जाती
ऊपरी आमदनी बात कर जाने क्या क्या डकार जाते हो ऊपरी आमदनी बात कर जाने क्या क्या डकार जाते हो