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Antariksha Saha

Romance

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Antariksha Saha

Romance

बारिश की पहली बूंद सी

बारिश की पहली बूंद सी

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बारिश की पहली बूंद सी

सुकून दे जाती तू

इस तपती धरती को

जीने के और मौके दे जाती तू।


लाखों वजूहात थे नफ़रतें थी

सब धूल गए

अब बस तुझमे घुल जाने को

दिल करता है।


बारिश के तेरे उस

सहलाब मैं

खो जाने को दिल करता है।


पहली बारिश की तरह

आज भी तेरी आस देखता हूँ

अपने आप में खुशनुमा तो एक स्वांग है

आज भी तेरी राह देखता हूँ।।


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