बारिश की बूँद
बारिश की बूँद
बारिश की बूँदों का,
यूँ पत्ते पर पड़ना,
पत्ते का इतराकर,
फिर से अपनी जगह बनाना।
यूँ पेड़ों का इठलाना,
लहराना और उन पर,
बारिश की बूँदों का,
यूँ टप-टप की आवाज़ आना।
आम की डाल पर,
बैठी चिड़ियों का,
यूँ चहचहाना चीं-चीं-चीं-चीं,
मेरे मन का भीतर से बुदबुदाना।
चल उठ अब ले क़लम,
और लिख दे कुछ,
बारिश की बूँदों पर
है ख़ूब आज़ भी याद मुझे।
वो सुनहरे दिन, रूपहली यादें,
बचपन के मस्तमौजी वाले दिन।
