बालविवाह एक अभिक्षाप
बालविवाह एक अभिक्षाप
बालविवाह एक अभिशाप है
बालविवाह एक बड़ा पाप है
एक फूल को झुलसा देता है,
बालविवाह तो बड़ा ख़राब है
जीवन का संताप न मिटता,
बालविवाह पाप न मिटता,
ये जिंदगी को देता मात है
बालविवाह एक अभिक्षाप है
फिर भी लोग न समझते है
शीशे पे पत्थर फेंका करते है
अपने ही जिगर के टुकड़े का,
वो खुद क़त्ल किया करते है
अपने को मुक्त करने के लिये,
बच्चों को कैद किया करते है
फूल खिलने से पहले ही वो,
फूल को तोड़ दिया करते है
बालविवाह में अवगुण है,
ये जिंदगी को देता घाव है
बालविवाह एक अभिक्षाप है
इससे डूब जाती हमारी नाव है
अब तो इसको तोड़ भी दो
बाल-विवाह न हो,
अब करो वो काम है
फिर होगा जग में नाम है।