देश उदास है
देश उदास है
खोया हमने अपनो का जो साथ है। देश उदास है...
हाय री नियति तेरा भी क्या कायराना इतिहास रहा है,
देश के लिए वीरों ने जो भी भला किया है, तूने पहले उन्हें ही छला है।
जिसने दिल्ली चलना सिखाया, जिसने आज़ाद हिंद बनाया,
तुझे जैसे वो रास न आया। तूने रहस्य का धूल चढ़ाया।
जिस लाल ने देश का भूख मिटाया, किसान जवान का भेद मिटाया,
तुझे जैसे वह आंख न भाया, तूने माटी के गोद सुलाया।
लाल से तेरा चीत न माना, 13वे दिन ही तूने भाभा पहचाना।
परमाणु जिसके रक्त का था संचार।
तूने छीन लिया ज्ञानी अपार।
विज्ञान क्षेत्र में जिसने दी भारत को इक नई उड़ान,
तूने फूलो के जरिए ले ली निर्ममता से उसके प्राण।
आज भी तू क्या इठलाता है, अपने कायरता का परिचय दिखलाता है।
तूने अनहोनी के जरिए ले ली देश के सानो की जान।
देश कभी नहीं भूलेगा तेरा दिया ज़ख्म निशान ।