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Kumar ujjawal

Others

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Kumar ujjawal

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प्रकृति और नदियां

प्रकृति और नदियां

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नदियां प्रकृति की बिटिया रानी,

पहाड़ों से लेकर आती पानी।


प्यासी धरती जब प्यास के मारे,

आह कर फट पड़ती है।

यही तो नदियां पानी लाकर,

धरती के घाव को भरती हैं।


जीवन, हरियाली, समृद्धि,

मैदानों को ये तोहफ़ा करती हैं।

तब ही तो सभ्यता और संस्कृति,

इनके गोद में पालती हैं।


मानव ने जब भी प्रकृति को बदलना चाहा है 

तभी से इन नदियों ने अपना रौद्र रुप दिखलाया है।

केदारनाथ से केरल तक जो इनका संदेशा आया है,

क्या हम सब ने इस संदेश से, कुछ भी सिख न पाया है?


आओ मिलकर हम सब अब प्रकृति का सम्मान करें,

संधारणीय विकाश की ओर इक बार फ़िर से नव प्राण भरे।



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