धरा ने अपना रौद्र रूप दिखाया पानी को अपने अंदर रख लिया सूरज ने गुस्सा दिखाया दुःख की बार... धरा ने अपना रौद्र रूप दिखाया पानी को अपने अंदर रख लिया सूरज ने गुस्सा दि...
देख प्रकृति के रौद्र रूप को, मन आशंकित हो रहा था। देख प्रकृति के रौद्र रूप को, मन आशंकित हो रहा था।
तब ही तो सभ्यता और संस्कृति, इनके गोद में पालती हैं। तब ही तो सभ्यता और संस्कृति, इनके गोद में पालती हैं।
हमने आज कुहासे का आवाहन करके नमस्कार किया! कुहासे खुश हुए अपने आँचल के पल्लुओं से हमको आज़ाद क... हमने आज कुहासे का आवाहन करके नमस्कार किया! कुहासे खुश हुए अपने आँचल के पल्ल...
अंधाधुंध मां-प्रकृति का शोषण, करके हैं बहुविध उपजाए रोग। अंधाधुंध मां-प्रकृति का शोषण, करके हैं बहुविध उपजाए रोग।
पर्यावरण को हो हितकर, वह आचरण बनाना है। पर्यावरण को हो हितकर, वह आचरण बनाना है।