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Goldi Mishra

Abstract Romance

3  

Goldi Mishra

Abstract Romance

बाज़ार

बाज़ार

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वो सिसक के रोई भरे बाज़ार में,

वो किस्से ख़तम भरे बाज़ार में,

वो हुए अजनबी भरे बाज़ार में,

वो रिश्ते बर्बाद हुए भरे बाज़ार में,

वो दर्द बेचने निकले भरे बाज़ार में,

कोई ग्राहक ना मिला भरे बाज़ार में,


चोला रंगवाने निकले भरे बाज़ार में,

रंगरेज मिला नहीं भरे बाज़ार में,

राहत ढूंढने निकले भरे बाज़ार में,

ठंडी ठंडी छाँव मिली नहीं भरे बाज़ार में,

इज़हार करने निकले भरे बाज़ार में,

उनसे आंखे तक ना मिली भरे बाज़ार में,

उम्मीदों के साथ निकले भरे बाज़ार में,

और बस टुकड़े लगे हाथ भरे बाज़ार में,

ख़ुशियाँ बांटने निकले भरे बाज़ार में,

बस दर्द ही लगे हाथ भरे बाज़ार में,


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