STORYMIRROR

बाहरवाली का चमत्कार

बाहरवाली का चमत्कार

1 min
173


वरिष्टों की टीम में

मेरे पति शामिल

हो गए,

रोज सुबह उठकर

फुटबाल खेलना शुरू किया।


शरीर के अनुकूल

गोलकीपर बन गए

रोज-रोज

चोट के निशान पड़ने लगे

पेंट तक फटने लगे।


घर की बात कौन कहे

ऑफिस में भी वे सोने लगे

सबने मना किया

हमने भी हाथ जोड़े

कैल्शियम के अभाव में

हड्डी जो कड़केगी

जोड़ नहीं पाएंगे !


बच्चे जो दूर हैं

उनको क्या बताएँगे ?

बच्चों से मैंने

की शिकायत

फिर भी वे न माने

लाख मिन्नतें

करके हम हारे।


फिर एक तरक़ीब

काम आ गयी

उनके ही ऑफिस में

नयी -नयी मैडम का

योगदान हो गया।


चुपके से

एक दिन मैंने उनसे ही बातें की

दूसरे दिनों से

एक नया

चमत्कार हुआ

फुटबॉल से तो वे बच निकले

अब योग का टोटका

पाल रखा है।


फुटबॉल को धीरे-धीरे

वो भूल बैठे !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama