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Padmamukh Panda

Drama

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Padmamukh Panda

Drama

बादलों का छल

बादलों का छल

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आती हैं घनघोर घटाएं

आसमान पर छा जाती हैं

बिजली चमक दिखाती है

कुछ पल में ओझल हो जाती हैं


लगता है बारिश होगी

पर खिल जाती है धूप तभी

ये बादल भी अब छलते हैं

हो रहा आजकल ऐसा ही


है फसल धान की खेतों में

पर उसे चाहिए पानी भी

यह सावन इतना सूखा है

है चिंता कुछ हैरानी भी


है यही हमें उम्मीद आज

कि वर्षा अब नियमित होगी

हे मेघराज छल कपट छोड़

कर दे वर्षा अब जल्दी ही...!


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