अविस्मरणीय अनुबंध
अविस्मरणीय अनुबंध
भ्राता भगिनियों का है न्यारा सम्बन्ध,
यह सर्वदा है अविस्मरणीय अनुबन्ध,
जिनके अमित स्नेह में नहीं है प्रतिबंध,
रक्षाबन्धन पर्व जताए जिसका सुगन्ध १
माँ सुभद्रा हैं श्रीबलभद्र श्रीजगन्नाथ के सहोदरी,
संतोषी माता हैं शुभ लाभ सहोदरों के सहोदरी,
बहिनें सदैव हैं गृह के सुख शांति मान के प्रहरी,
प्रत्येक सदन में अनन्य सुंदरता लाते हैं किशोरी २
भाई बहनों का अद्वितीय अनुराग दर्शाए रक्षा बंधन,
राखी बांधकर बहन करे उज्जवल भविष्य का ज्ञापन,
भाई प्रतिज्ञा लेते हैं सँभालने बहनों का सुरक्षा सम्मान,
प्रति वर्ष के श्रावण पूर्णिमा के दिन किया जाए पालन ३
