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Hrishikesh Pandey

Romance

4  

Hrishikesh Pandey

Romance

अविरल प्रेम का पुष्प

अविरल प्रेम का पुष्प

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तुम हो गुलाब की तरह, कोमल,  

बन कर ख़ुशबू हवा में महकती हो,  

हर सुबह की किरणों में,  

तुम्हारा हँसना जैसे फूल खिलता हो।  


हमारे रिश्ते की डालियाँ,  

सदा हरी रहती हैं,  

संग तुम्हारे ये पत्ते,  

फूलों सी बातें करती हैं।  


तुम्हारी आँखों की मिठास में,  

प्यार की सच्चाई झलकती है,  

तुम्हारे संग बिताए पल,  

दिल को हरदम महकाते हैं।  


हमेशा रहेगा ये प्यार,  

जैसे ये पुष्प खिला रहता है,  

सम्मान और परवाह से सजती,  

हमारी बगिया खिली रहती है।  


तुम हो मेरे जीवन की ज्योति,  

हर रंग में प्यार का अहसास है,  

इस फूल की तरह हमारा प्यार,  

सदा अमर, सदा विश्वास है।


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