मंगलमय हो यह दीवाली
मंगलमय हो यह दीवाली
मंगलमय हो यह दीवाली
सकल जगत में खुशियां
छायें हुत से अंधकार का निर्गम,
घर-घर दीप जले।
कर प्रकाश का अभिनंदन
हम तमस भगा लाएँ आशा
किरणों से ही अंतर्मन में
जल जाये दीपों की माला।
आओ सभी करें अभिनंदन
किरणों की ले कर माলা
अंतर्मन से करें समर्पित
'अहम्-स्वयं' की परिभाषा।
यह बने दीपों का कुंतल हव्य
आत्म की हों त्रुटियां जग-मग
तारे बने पुरोहित यह कुंड हो ध्रुव तारा।
होम-धूम्र लेकर मलयानित
दिशा-दिशा में बिखरे
दसों दिशा सुगंध छा जाए कली,
सुमन जब निखरे।
आ मिलकर सब मंगल गाएँ
नए वर्ष का अभिनंदन,
धन की वर्षा हो घर-घर में
सकल प्रकाशित अंतर्मना नूतन वर्ष
प्रकट हो फिन से लेकर नवल सबेरा
नव-आलोक प्रकाशित हो फिर
नई-नई लेकर आशा।
