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Hrishikesh Pandey

Inspirational

4  

Hrishikesh Pandey

Inspirational

राष्ट्रप्रेम और वीरता

राष्ट्रप्रेम और वीरता

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देश प्रेम से ओतप्रोत, हर धड़कन में ये ध्वनि,  

भारत माता की जय बोलें, हो हर लब पर ये बानी।  

राष्ट्र के प्रति जो सच्चा प्रेम, वो हर दिल में बसाना है,  

भारत की माटी से प्यारा, कुछ भी और न पाना है।


जब भी कोई संकट आए, ये धरती पुकारे हमें,  

वीर जवानों की टोली, आगे बढ़ती निस्संदेह।  

नदियाँ, पर्वत, जंगल, रेगिस्तान,  

हर जगह वो डटकर खड़े, ये है उनके प्रण।  

सीमा की रखवाली में, हर मौसम से वो लड़ते,  

धूप हो या हो सर्दी, हर चुनौती वो सहते।


सरहद पर खड़े जवान, आँखों में सपने सजाए,  

देश की रक्षा करने का, उन्होंने वचन निभाए।  

माँ की लोरी, पिता की सीख,  

सब यादें दिल में बसाए,  

पर कर्तव्य की राह पर वो,  

सारे बंधन तोड़ चले आए।


बारिश की बूँदें जैसे, आसमान से गिरें,  

वैसे ही वीर सपूत,  

धरती पर गिरते रहें।  

हर बूँद में है अमरता,  

हर गिरने में जीत,  

भारत माँ के चरणों में,  

सब कुछ है समर्पित।


कभी न रुके कदम उनके, कभी न हौसला डिगा,  

दुश्मन की हर चाल को, उन्होंने धूल चटा दी।  

हंसते-हंसते वीर जवान,  

सीने पर गोली खा गए,  

अपनी मातृभूमि की रक्षा में,  

सदा अमर हो गए।


वो खेतों में हल चलाए,  

वो मैदानों में डटे,  

राष्ट्र की सेवा में लगे,  

कभी भी न थके।  

उनके दिल में एक ही अरमान,  

देश का नाम रोशन हो,  

हर कोने में गूँज उठे,  

भारत माता की जय हो।


उनके बलिदान को याद करें,  

नमन करें हम सदा,  

उनकी वीरता की गाथा,  

हर पीढ़ी को बताएं।  

शहीदों की चिताएं जहाँ,  

राष्ट्रप्रेम की ज्योति जलाएं,  

उनके अदम्य साहस से,  

हर भारतवासी को प्रेरित कराएं।


आओ मिलकर प्रण करें,  

हम भी कुछ कर दिखाएँ,  

अपने देश के प्रति निष्ठा,  

हर दिल में जगाएँ।  

एकता, अखंडता का संदेश,  

हर ओर फैलाएँ,  

भारत की शान,  

हम कभी न कम पड़ने दें।


हर एक के दिल में हो जोश,  

हर एक के हाथ में हो काम,  

देश के उत्थान में लगे,  

हर दिन, हर सुबह, हर शाम।  

भारत की उन्नति की राह में,  

कोई बाधा न आए,  

हर भारतवासी को गर्व हो,  

कि वो इस धरती का हिस्सा कहलाए।


वीरों के सपनों को पूरा करने का समय है अब,  

उनकी कुर्बानियों का, कर्ज उतारने का वक्त है अब।  

हम भी सच्चे नागरिक बनकर,  

अपने कर्तव्यों को निभाएं,  

देशप्रेम की इस गंगा में,  

हर दिल को हम बहाएं।


हमारा ये तिरंगा,  

हमारी शान है,  

इसकी रक्षा में ही तो,  

हमारी जान है।  

हर बार जब लहराए,  

आसमान में ऊँचा ये झंडा,  

याद करें उन वीरों को,  

जिनसे है देश की धरोहर बँधा।


जय हिंद की गूंज हर ओर हो,  

हर सीने में गर्वित देशभक्ति का जोर हो,  

वीरों की शौर्यगाथा सुनकर,  

हर आँख में चमक और दिल में हो जोश,  

भारत माँ की सेवा में,  

हर युवा का खून हो खौलता जोश।


आज का दिन, कल का वादा,  

देश सेवा ही हो हमारा इरादा।  

सपनों का भारत बनाएँ,  

जहाँ न हो कोई ग़रीब, न हो कोई अशिक्षा,  

हर एक बच्चा पढ़ सके,  

हर एक व्यक्ति जी सके स्वतंत्रता।


आओ मिलकर हम संकल्प लें,  

राष्ट्रप्रेम को हम हर दिल में भरें,  

सच्ची श्रद्धांजलि उन वीरों को,  

जो देश की खातिर,  

न जाने कितने कष्ट सह गए,  

अपनी जान की परवाह किए बिना,  

राष्ट्र के लिए सब कुछ दे गए।


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यह कविता मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों और राष्ट्रप्रेम के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को सलाम करती है। जय हिंद!


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