वैधविक (विशाल भारद्वाज)
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कल्मष की दुनिया जीए जो, चेतन मन को खोए,
'वैधविक' धर्म जो पालन करे, अवचेतन मन होए।
कल्मष = पाप
शीर्षक : वर्त...
कृष्ण ज्ञान
अवचेतन मन
आह्लाद
इश्क़
अखंड भारत
बवाल
एक सुबह उठूंग...
निष्काम प्रेम
मै हूं अखंड भ...
करें समर्पित जीवन प्रभु को, यही है सामाधान।। करें समर्पित जीवन प्रभु को, यही है सामाधान।।
अगर उसे हक होता तो आपकी किस्मत में हर खुशी लिख देती। अगर उसे हक होता तो आपकी किस्मत में हर खुशी लिख देती।
जब विद्या, बुद्धि का हो घमंड तुम्हें , विवेकानन्द, सुभाष, कलाम को देख लो। जब विद्या, बुद्धि का हो घमंड तुम्हें , विवेकानन्द, सुभाष, कलाम को देख लो।
मन श्रद्धा से भर गया, उसके कदमों में झुकने को लालायित हो उठा, मन श्रद्धा से भर गया, उसके कदमों में झुकने को लालायित हो उठा,
सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥ सीखो तुम श्रीराम से, रे मन मानुष रीत॥
जिनका साथ दिया है, तूने बुरे वक्त वो ही देंगे, तुझे सबसे पहले ठोकर जिनका साथ दिया है, तूने बुरे वक्त वो ही देंगे, तुझे सबसे पहले ठोकर
आने का हेतु जग में क्या है मेरे करतार? आने का हेतु जग में क्या है मेरे करतार?
पद प्रतिष्ठा और पैसो में समाया रहता है ये घमंड पद प्रतिष्ठा और पैसो में समाया रहता है ये घमंड
जीवन पथ कांटों से भरा हुआ संघर्षमय। जीवन पथ कांटों से भरा हुआ संघर्षमय।
हर मुसीबत से जो लड़ जाए वो बाप होता है। हर मुसीबत से जो लड़ जाए वो बाप होता है।
सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय बाबा साहब ने संविधान बनाया था। सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय बाबा साहब ने संविधान बनाया था।
पार न कर तू बेईमानी की हद ... वक्त की मार से न कोई बच पाया। पार न कर तू बेईमानी की हद ... वक्त की मार से न कोई बच पाया।
घने घने जंगलों में पेड़ो का ही राज है। घने घने जंगलों में पेड़ो का ही राज है।
समय के साथ साठ -गांठ बिठा लो, ख़ुद की पहचान कुछ इस तरह बना लो ! समय के साथ साठ -गांठ बिठा लो, ख़ुद की पहचान कुछ इस तरह बना लो !
नश्वर है किन्तु सृजन भी है सृजन है तभी तो नश्वर है। नश्वर है किन्तु सृजन भी है सृजन है तभी तो नश्वर है।
सफलता वर्दी है वक्त पर खा ले, सफलता वर्दी है वक्त पर खा ले,
दुःख अपनी जगह है, सुख अपनी जगह है। दुःख अपनी जगह है, सुख अपनी जगह है।
सुकून मिल जाए दर्पण बन कर, अपने परिश्रम का प्रतिबिंब बनकर। सुकून मिल जाए दर्पण बन कर, अपने परिश्रम का प्रतिबिंब बनकर।
बुद्धि मन से महान है, बुद्धि से मन ठीक रहता है। बुद्धि मन से महान है, बुद्धि से मन ठीक रहता है।
आपके लायक नहीं हम, ना औरों के लायक। हम तो है सिर्फ, सबकी यहाँ नफरत लायक।। आपके लायक नहीं हम, ना औरों के लायक। हम तो है सिर्फ, सबकी यहाँ नफरत लायक।।