एक सुबह उठूंगा मै भी ..
एक सुबह उठूंगा मै भी ..
एक सुबह उठूंगा मैं भी
किसी आसमां की चाह में,
भूल कर पुरानी दुनिया
किसी अनजान राह की चाह में,
थक गया था, थक गया हूं
इंतजार में उन राहों के,
बिखर गया था, सिमट गया हूँ
दौड़ने की चाह में,
एक सुबह उठूंगा मैं भी
किसी आसमां की चाह में ।।