वैधविक (विशाल भारद्वाज)
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स्वर्ण मुद्राएं यश कीर्ति, चंद आमोद ना ले पाए,
'वैधविक' कर्म जो करता जाए आह्लाद को ले पाए।
शीर्षक : वर्त...
कृष्ण ज्ञान
अवचेतन मन
आह्लाद
इश्क़
अखंड भारत
बवाल
एक सुबह उठूंग...
निष्काम प्रेम
मै हूं अखंड भ...
जिस दिन सज धज कर करेगी याद मुझे उस दिन हमारी होली होगी जिस दिन सज धज कर करेगी याद मुझे उस दिन हमारी होली होगी
लेकिन माँ के पल्लू की यादें नहीं है माँ का पल्लू सम्मान का प्रतीक। लेकिन माँ के पल्लू की यादें नहीं है माँ का पल्लू सम्मान का प्रतीक।
मस्त पवन के झोकों में झूमे आज तिरंगा ये । मस्त पवन के झोकों में झूमे आज तिरंगा ये ।
बंद करो युद्ध की नगाड़ा बजाना और प्यार का गीत गाओ। बंद करो युद्ध की नगाड़ा बजाना और प्यार का गीत गाओ।
माँ तो ईश्वर है मैं जानूं, तुम्हें छाया देता इक बरगद सा ही मानूं। माँ तो ईश्वर है मैं जानूं, तुम्हें छाया देता इक बरगद सा ही मानूं।
राजा रंक सब अपने-अपने कर्मों के अधिकारी, कर्मफल मिट सके ना, जाने है सब संसारी! राजा रंक सब अपने-अपने कर्मों के अधिकारी, कर्मफल मिट सके ना, जाने है सब संसारी...
रूप शब्द का सार्थक बदल एक की जाति पूछता दूजा गोत्र बखानता। रूप शब्द का सार्थक बदल एक की जाति पूछता दूजा गोत्र बखानता।
आलस-सुस्ती को तजकर, ध्यान से सफलता पाएं, विशिष्ट आप हैं विशेष योजनाएं बनाएं। आलस-सुस्ती को तजकर, ध्यान से सफलता पाएं, विशिष्ट आप हैं विशेष योजनाएं बनाएं।
अक्षर अक्षर भाषा बनते, भाषा प्रगटे भाव विचार। अपनी भाषा अपनी बोली, निज भाषा बिन सब बेकार। अक्षर अक्षर भाषा बनते, भाषा प्रगटे भाव विचार। अपनी भाषा अपनी बोली, निज भाषा ब...
सजा थाल में दीपक प्रियवर,चंदन का तिलक लगाती है! सजा थाल में दीपक प्रियवर,चंदन का तिलक लगाती है!
अमूल्य धन संसार में,है मानुष व्यवहार जितना संचित जो करे उतना सुन्दर संसार ! अमूल्य धन संसार में,है मानुष व्यवहार जितना संचित जो करे उतना सुन्दर संसार !
मुस्कान शक़्ल पर लाता हूँ; मैं व्हाइट कोट में आता हूँ। मुस्कान शक़्ल पर लाता हूँ; मैं व्हाइट कोट में आता हूँ।
मन के दृश्यपटल पर जब ऐसा कोई चित्र आता है। मन के दृश्यपटल पर जब ऐसा कोई चित्र आता है।
ना अस्त्र से जीतें इसे ना शस्त्र काम आयेगा, जो पालन करें नियमों का वही वीर कहलायेगा, ना अस्त्र से जीतें इसे ना शस्त्र काम आयेगा, जो पालन करें नियमों का वही वीर कह...
मैं सीखना चाहता हूँ , वो सब जिससे रह सकूँ करीब उसके। मैं सीखना चाहता हूँ , वो सब जिससे रह सकूँ करीब उसके।
आने वाली पीढ़ियों को हम संकट में छोड़ जाएंगे! आने वाली पीढ़ियों को हम संकट में छोड़ जाएंगे!
एक दिन मंज़िल पग चूमेगी, ये सोच के बढ़ते जाना तुम ! एक दिन मंज़िल पग चूमेगी, ये सोच के बढ़ते जाना तुम !
बस एक ही पूजा करें भारत के सब वासी, भारत ही मक्का हो दिखे भारत में ही काशी। बस एक ही पूजा करें भारत के सब वासी, भारत ही मक्का हो दिखे भारत में ही काशी।
रखना तन मन स्वस्थ अगर तो,नित्य कीजिए योग रक्खें तन से दूर हमेशा, तरह-तरह के रोग! रखना तन मन स्वस्थ अगर तो,नित्य कीजिए योग रक्खें तन से दूर हमेशा, तरह-तरह के र...
ये धरा माँ उसकी, माँ को उसने बचाया, वीरता से युद्ध करा, वीरगति को पाया! ये धरा माँ उसकी, माँ को उसने बचाया, वीरता से युद्ध करा, वीरगति को पाया!