अतीत याद आता है
अतीत याद आता है
रेत का घर ,खिलौनों का जीवन,
लड़ता-झगड़ता वह हठीला मन,
प्यारा बचपन इठलाता है ।
अतीत याद आता है ।
पंछियों सा चहकना, फूलों सा महकना,
बचपन के उपवन में तितलियों सा उड़ना,
यादों के गीत भौंरा गुनगुनाता है
अतीत याद आता है ।
कभी आँख मिचौली, कभी पकड़ना अपनी परछाई,
उन खेलों की मौज और झूलो से भरी अमराई,
प्यारी नानी का गाँव बुलाता है ।
अतीत याद आता है ।
गर्मी की छुट्टी, रेलगाड़ी की छुकछुक,
कागज की नाव ,बारिश की रिमझिम,
इन बौछारों में मन भीग जाता है ।
अतीत याद आता है ।