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Preeti Sharma "ASEEM"

Fantasy

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Preeti Sharma "ASEEM"

Fantasy

अश्क

अश्क

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अश्क आंखों में जमकर रह गए है।

कुछ यादों के किस्से पुराने थम गए है।


अश्क आंखों में जमकर रह गए है। 

जिंदगी जब सोच में बैठती है।

कितनी बातों के अफसाने तन के रह गए है।


अश्क आंखों में जमकर रह गए है।

याद रहता नहीं है, यह जानता हूँ।

फिर क्यों उन बातों को मैं भूलता ही नहीं हूँ।


वो बातें वो यादें जिनसे,

कभी अश्कों से भीग जाता था।

आज सोच के सफर में थम से गये है।


 सोचता हूँ......?

आकर आंखों में, क्यों जम से गये है।


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