अपनत्व की पहचान है हिंदी
अपनत्व की पहचान है हिंदी
जो हमारी सबकी आन बान और शान है
जिससेे इस सम्पूर्ण भारत की पहचान है ,
ये तो है राष्ट्रभाषा बोली जिसकी हिंदी है
जरा गौर से देखो येे भारत मां की बिंदी है।
ये मेरी ना तुम्हारी, इसकी या ना उसकी हैै
हर प्रांत को एकता में लानेे का वरदान है,
विदेशोंं में भी मन से इसे अपनाना सभी
यही सच्चा भारतीय होने का सम्मान हैै।
हिंदी कहने, बोलने, समझानेे में शर्म कैसी
ये एक परिवार को साथ मिलाने वाली हैै,
इसकी प्रतिष्ठा का मान सदा रखेे रहना
यह अपनत्व का गुणगान करने वाली है।
एकता में हो बल,हर शक्ति होती है विफल
गर्व से कहो फिर हम सब हैं भारतवासी ,
भले ही वेश भूषा ,रंग रूप हमारे भिन्न हैं
एक भाषा के प्रतीक हम हिंद के निवासी।
बड़ी शुद्ध , सरल और सहज हमारी भाषा है,
गौरव ये बनाएं रखना यही विनती, आशा है।