अपने पराए
अपने पराए
अदब हो आन में जिनकी,
करें आदर निशान का।
न बोले सीरे सी भाषा,
रखें संतुलन जुबान का।
सहज हिय और शांत चित,
जिनमें विधाता ने बनाए हैं।
ईश की अद्भुत रचना में,
यही अपने हैं, बाकी सब पराए हैं।
न बक खोलें बके सी वो,
न बकरे सी बकालत हो।
हमारे झूठ के आगे,
बने सच की अदालत जो।
भले सुख में बिसर जाएं हमें,
पर दुख में पास आए हैं।
ईश की अद्भुत रचना में,
यही अपने हैं बाकी सब पराए हैं।
जो बाती के चहुं ओर,
मोम से समाए हैं।
जिन्हें मेरी तरक्की सुनके,
हर्षित भाव आए हैं।
जो निज हिय से निकल कर भी,
ह्रदय तल में समाए हैं।
ईश की अद्भुत रचना में,
यही अपने हैं बाकी सब पराए हैं।