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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Tragedy Crime Children

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Tragedy Crime Children

अपने ही लाल को हलाल कर दिया

अपने ही लाल को हलाल कर दिया

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सूचना सेठ ने कमाल कर दिया

अपने ही लाल को हलाल कर दिया 

निर्ममता से एक मासूम का कत्ल करके 

वात्सल्य का दामन लालमलाल कर दिया 


कोई चालाकी होशियारी काम ना आई 

इश्क की मारी खुद बन गई एक हरजाई 

नफ़रत ने काम बेमिसाल कर दिया 

अपने ही लाल को हलाल कर दिया।। 


गला घोंटते वक्त क्यों हाथ नहीं टूटे

सूटकेस में पटकते क्यों नैन नहीं फूटे 

आधुनिका ने नारी का नत भाल कर दिया 

अपने ही लाल को हलाल कर दिया।। 


अब कौन बेटा मां की कसमें खा सकेगा 

क्या अब मां के आगे फिर शीश झुकेगा 

हत्यारिन ने मां का जीना मुहाल कर दिया 

अपने ही लाल को हलाल कर दिया।। 


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