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Jai Singh(Jai)

Tragedy

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Jai Singh(Jai)

Tragedy

"अपनापन जाता रहा "।

"अपनापन जाता रहा "।

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जब से आया जगत में, कोरोना का काल।

संबंधो में आ गया, तब से ही भूचाल।

तब  से  ही भूचाल, अपनापन जाता रहा।

प्यार सभी खत्म हुआ, सिर्फ अपना ख्याल रहा।

कह 'जय' संवेदना , जताकर घाव भरो अब।

स्नेह वही बनाकर, संबंध मधुर करो जब।



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