सब कुछ हो गया है गौण बस मुखरित है तेरे मेरे बीच ये मौन। सब कुछ हो गया है गौण बस मुखरित है तेरे मेरे बीच ये मौन।
कभी बेटी के जन्म पर बजती बधाई थी, आज जन्मे जो लक्ष्मी भी मातम का दौर है। कभी बेटी के जन्म पर बजती बधाई थी, आज जन्मे जो लक्ष्मी भी मातम का दौर है।
देश में मंदीकाल है छाया देश में मंदीकाल है छाया
कितने खयाल एक साथ मिल कर चले आते हैं मेरे जहन में भूचाल मचा कर। कितने खयाल एक साथ मिल कर चले आते हैं मेरे जहन में भूचाल मचा कर।
जब से आया जगत में ,कोरोना का काल। संबंधो में आ गया, तब से ही भूचाल। जब से आया जगत में ,कोरोना का काल। संबंधो में आ गया, तब से ही भूचाल।
थाम ना लूं तो मन में सवाल उठता है। थाम ना लूं तो मन में सवाल उठता है।