"दुआ है"
"दुआ है"
दुआ है इन फिजाओं से
बादल ये जल्दी छंट जाएं,
बहुत गदर मची है इस जीवन में
जीवन ये जल्दी कट जाएं ।
दुआ है इन दस्युओं का
काल ये जल्दी उलट जाएं,
भय का मायाजाल है फ़ैला
जाल ये जल्दी पलट जाएं ।
दुआ है, देश के जनबल से
नखवत चक्रण जल्दी ये हट जाएं,
जनरव का अजब भूचाल है आया
भूचाल ये जल्दी सिमट जाएं ।
दुआ है, खिरद के शत्रुओं से
अवगुंठन जल्दी ये हट जाए,
अहमक नहीं सब,किंचित नागर भी है
पर्चा ये जग में बंट जाएं ।
दुआ है, इन अधम विपदाओं से
देश ये जल्दी निपट जाएं,
देश में मंदीकाल है छाया
काल ये जल्दी पट जाएं ।
दुआ है, इन अनचाहे कैफियतो से
मुआशरा ये जल्दी छिटक जाएं,
देश मुक्त हो सब अटको से
आतंक ये जल्दी घट जाएं।
शब्दार्थ:- दस्युओं- डाकू, नखवत- कश्मकश, जनरव- अफ़वाहें, खिरद- बुद्धि, अवगुंठन- मुंह छिपाने का वस्त्र, अहमक- मूर्ख, नागर- चतुर,अधम- छोटी/ तुच्छ, पट जाएं- भर जाएं/ ख़तम हो जाएं, कैफियत- समाचार, मुआशरा-समाज, अटक- बाधा ।