दो त्यौहार है आज मनाने को
दो त्यौहार है आज मनाने को


दो त्यौहार है आज मनाने को
हर्षित हो झूम झूम कर गाने को,
एक देश का स्वतंत्रता उत्सव
दूजा जैनों का पर्युषण महोत्सव।
दोनों की अपनी अलग प्रतिष्ठा
दोनों की अपनी अलग महत्ता,
एक देता वीरता का संदेश
दूजा देता करुणा उपदेश,
दो त्यौहार है आज मनाने को
हर्षित हो झूम झूम कर गाने को।
एक कहता जय जवान
दूजा कहता प्राणी मात्र महान,
एक कहता है वन्दे मातरम्
दूजा जपता जय महावीरम्,
दो त्यौहार है आज मनाने को
हर्षित हो झूम झूम कर गाने को।
एक मांगता बलिदानी मन
दूजा मांगता त्यागी जीवन,
एक चाहता माटी की जय
दूजा चाहता आंतरिक विजय
दो त्यौहार है आज मनाने को
हर्षित हो झूम झूम कर गाने को।
चाहे जुदा है दोनों के विचार
चाहे विलग है दोनों के रंग
पर बात आए जब आमजन पर
एकजुट हो करते ये जंग
दो त्यौहार है आज मनाने को
हर्षित हो झूम झूम कर गाने को।