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Anand Prakash Jain

Inspirational

4.5  

Anand Prakash Jain

Inspirational

शिक्षक

शिक्षक

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मेरे जीवन में जो ये रंगत है

सद्गुणों की जो न्यूनाधिक जमघट है

उसका कारण शिक्षकों की संगत है

पग पग पर मुझको और संवारा

पग पग पर मुझको और निखारा ।


छुटपन से लेकर किशोर बनने तक,

किशोर से लेकर युवा होने तक,

हर किसी ने प्रतिदिन सिखाया है

अगुणित जन्मों तक उऋण ना हो सकूं

इतना खज़ाना लुटाया है ।


कभी अध्यापक के मानद रूप में

कभी मात पिता के प्रितिमय रूप में ।

कभी श्रीफल से कठोर बनकर

कभी मित्रो के मनोरम स्वरूप में

नित नए रूपों में ज्ञान अमिय बरसाया है

राष्ट्र को जग में गर्वित कर सकूं

इस काबिल मुझको बनाया है ।



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