कौन हूँ मैं एक बेटी एक पत्नी या एक माँ जीवन की जद्दोजहद में कहीं खो सी गई हूँ मैं। कौन हूँ मैं एक बेटी एक पत्नी या एक माँ जीवन की जद्दोजहद में कहीं खो सी गई हूँ...
वह मुस्कान मेरी मुस्कान पर उसके जां मुस्कान संंग वार दें,, वह मुस्कान मेरी मुस्कान पर उसके जां मुस्कान संंग वार दें,,
हर एक खुद को उंचा दिखाने की कवायद कर रहा है... हर एक खुद को उंचा दिखाने की कवायद कर रहा है...
कुछ चलता सा,कुछ ठहरा सा वक़्त, बहुत कुछ रोकता। कुछ चलता सा,कुछ ठहरा सा वक़्त, बहुत कुछ रोकता।
कितने खयाल एक साथ मिल कर चले आते हैं मेरे जहन में भूचाल मचा कर। कितने खयाल एक साथ मिल कर चले आते हैं मेरे जहन में भूचाल मचा कर।
ज़ाया ही जाती रही ज़िन्दगी की जद्दोज़हद ना नींद ही पूरी ली कभी, ना ख्वाब ही पूरे कर ज़ाया ही जाती रही ज़िन्दगी की जद्दोज़हद ना नींद ही पूरी ली कभी, ना ख्वाब ही...