अपना साथ यहीं तक
अपना साथ यहीं तक
अपना साथ यहीं तक,
ना जाने ज़िन्दगी कब तक ?
तुम डरे पर मैं नहीं,
अब गम नहीं फ़लक तक,
अपना साथ यहीं तक।
अपना साथ यहीं तक,
जब तक साँसें तब तक,
बीती बातें जो अनकही,
सब सुनूँ मैं तब तक,
अपना साथ यहीं तक।
अपना साथ यहीं तक,
हाथों में हाथ जब तक,
डूबती कश्ती साहिल को,
छू सके जिस जन्म तक,
अपना साथ यहीं तक।
अपना साथ यहीं तक,
तुम ज़ियो कई जन्म तक,
निराश होती ज़िन्दगी में,
आशा की नई किरण तक,
अपना साथ यहीं तक।
अपना साथ यहीं तक,
आगे धुआँ गगन तक,
लुप्त होते उस धुएँ में,
मेरी परछाई जब तक,
अपना साथ यहीं तक।

