STORYMIRROR

Shivanand Chaubey

Drama

3  

Shivanand Chaubey

Drama

अनुभव

अनुभव

1 min
353

आज ये अनुभव हुआ

विज्ञान के वरदान का,

विवश प्रकृति के समक्ष

जो कृत्य हैं इंसान का।


उस गर्व का मंडन हुआ

इस सत्य का खंडन हुआ,

विज्ञान सब कुछ हैं नहीं

जो करुण क्रंदन हुआ।


विवश विश्व समस्त हैं

वायरस के निदान का,

खतरे में मानव जाति है

अस्तिव स्वाभिमान का।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama