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Vikas Sharma

Drama

4  

Vikas Sharma

Drama

अनोखी क्षमताएँ

अनोखी क्षमताएँ

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बंदर क्या जाने छलांगे मेरी,

मेरे सपनों की छलांगें सबसे लंबी हैं,


लोमड़ी क्या जाने चालाकी मेरी,    

 मेरे मगज की धार सबसे पैनी है,


शेर क्या जाने बहदूरी मेरी,

मेरे अन्तर्मन की दहाड़े सारे आकाश में गूंजी है,


गिलहरी क्या जाने फुर्ती मेरी,

मेरी चंचलता में बिजली सी तेजी है,


मैं भी क्या जानूँ हस्ती मेरी,

मेरी क्षमताएँ सारे जग सी अनोखी है।


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