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Madhu Gupta "अपराजिता"

Classics Fantasy Inspirational

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Madhu Gupta "अपराजिता"

Classics Fantasy Inspirational

अनमोल है वो धड़कन

अनमोल है वो धड़कन

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अनमोल है वो धड़कन जिस ईश्वर ने

तुम्हारे अंदर प्रवाहित की

अनमोल है वह मां 

जिसने तुम्हें गर्भ में किया पोषित 

अनमोल है वह पल 

जिस पल तुम इस धरती पर हुए अवर्तित 

अनमोल है वो पिता


जो देखकर तुम्हें सबसे पहले हुआ हर्षित 

अनमोल है वो आंगन और घर 

जिसमें तुमने पहला कदम उठाया 

खेले - कूदे और तामाम तरह की शरारतें की

और माँ की उँगली पकड़

कदम से कदम बढ़ाया

और पिता की नसीहत पाई


अनमोल है वो पल 

जब तुमने घर के बाहर पहला कदम रखा 

क्या है दुनिया यह शुरू किया सीखना

लोगों से मिलना झुलना

और देखी तकरार भी 

अनमोल है वो विद्यालय 

जहां मिले शिक्षक 


जिन्होंने किया हमारा सर्वांगीण विकास 

अनमोल है वो हर एक क्षण

जो बिताया उनके साथ

और सीखा कैसे करना है

कठिन परिस्थितियों का सामना

तब अपने होने का हुआ एहसास 


सही गलत का अंतर तभी आया समझ 

अनमोल है वह साथी संगी 

जिनसे मिलकर जिंदगी और हुई कामयाब 

सीखा जिन के साथ हंसना रोना 

और हर मुश्किल घड़ी में साथ भी निभाना 

अनमोल है उसका साथ 


और बिताये हर एक पल 

जो हमेशा रहेंगे साथ अनमोल बन कर 

अनमोल है वह पल 

जिसने मुझे मुझसे मिलाया 

मेरे होने का एहसास कराया 

मेरा आईना बनाकर मेरे सामने आया


मेरी खामियों का भी अक्स दिखाया

अनमोल है वो लोग 

जिनसे मैंने गलत और सही होने का फर्क जाना...!


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