Devendraa Kumar mishra
Classics
क्या कहा तुमने
आदमी की इज़्ज़त होती है पैसों से
उसके पद से, उसकी संपत्ति से
ये तो पैसों और संपत्ति का सम्मान हुआ
और अकेले आदमी का कुछ नहीं
जहां आदमी का मान नहीं, वहां क्या रहना
और क्या बनाना
मैं अकेला भला।
ऐसा लगता है
नास्तिक बने
कातिल
मन में
मोड़
मौन
प्यार
अनदेखा
प्रजा
दिल
जिंदों को ये मृत्यु की घटना है यों तो शिक्षक अच्छी खासी। जिंदों को ये मृत्यु की घटना है यों तो शिक्षक अच्छी खासी।
सच में जादूगरनी-सी है तू ! और इक जादू-सा है तेरा इश्क। सच में जादूगरनी-सी है तू ! और इक जादू-सा है तेरा इश्क।
सबकी यादों और दिलों में रहोगे सदा अमर होकर तुम। सबकी यादों और दिलों में रहोगे सदा अमर होकर तुम।
सभी भाईचारा के साथ इसे मनाते हैं और अनेकता में एकता का पाठ पढ़ाते हैं। सभी भाईचारा के साथ इसे मनाते हैं और अनेकता में एकता का पाठ पढ़ाते हैं।
मैं चाहूं तुझे तो इन सबसे भी खास लिख दूं। मैं चाहूं तुझे तो इन सबसे भी खास लिख दूं।
आज हम उठाये सिर गर्व से तिरंगे के नीचे, मना रहे अमृत महोत्सव आजादी का। आज हम उठाये सिर गर्व से तिरंगे के नीचे, मना रहे अमृत महोत्सव आजादी का।
नेह अनुराग से सुने, सद्गुणी-कथा प्रपंच परित्याग किये। नेह अनुराग से सुने, सद्गुणी-कथा प्रपंच परित्याग किये।
आ जाता निकल बाहर कभी-कभी उम्र पिचहत्तर में भी बालक मन। आ जाता निकल बाहर कभी-कभी उम्र पिचहत्तर में भी बालक मन।
बादशाह का एक घर, है वजीर सिरमौर। राजनीति शतरंज में, शह-मात का दौर। बादशाह का एक घर, है वजीर सिरमौर। राजनीति शतरंज में, शह-मात का दौर।
इसे जीने के लिये खेलते हैं खेल सभी, जीतने, हराने या हारने के लिये। इसे जीने के लिये खेलते हैं खेल सभी, जीतने, हराने या हारने के लिये।
वो लोग तो बिरले होते हैं, जो हर मुश्किल से आंख मिलाते हैं । वो लोग तो बिरले होते हैं, जो हर मुश्किल से आंख मिलाते हैं ।
तू फेल की इच्छा ना कर बस इच्छा रख नमन कि तू तय कररहा है यात्रा जीवन की।। तू फेल की इच्छा ना कर बस इच्छा रख नमन कि तू तय कररहा है यात्रा जीवन की।।
हम बच्चों की सरकार थी लेकिन फिर भी कोई शासन नहीं था। हम बच्चों की सरकार थी लेकिन फिर भी कोई शासन नहीं था।
पहले कहां थी . ऐसी .. जीवन से भरी लड़कियां। पहले कहां थी . ऐसी .. जीवन से भरी लड़कियां।
मनमानी की सुरसा मर्यादाओं को लीलती जा रही है। मनमानी की सुरसा मर्यादाओं को लीलती जा रही है।
ऐसा भी क्या गुनाह किया था मैंने सिर्फ तुमसे प्यार ही तो किया था। ऐसा भी क्या गुनाह किया था मैंने सिर्फ तुमसे प्यार ही तो किया था।
है धरती पर स्वर्ग देश मेरा, है सबसे निराला देश मेरा। है धरती पर स्वर्ग देश मेरा, है सबसे निराला देश मेरा।
ख़्वाबों की टोकरी में कुछ हसीं कहानियां खुद ही जुड़ती जा रहीं है। ख़्वाबों की टोकरी में कुछ हसीं कहानियां खुद ही जुड़ती जा रहीं है।
देख अनूठा स्नेह भगत का,प्रभु विह्वल होते हैं। देख अनूठा स्नेह भगत का,प्रभु विह्वल होते हैं।
मिला सब कुछ तो उन्हीं से मुझे, फिर क्यों न रखूँ मैँ उनका ध्यान-2 मिला सब कुछ तो उन्हीं से मुझे, फिर क्यों न रखूँ मैँ उनका ध्यान-2