Devendraa Kumar mishra
Classics
क्या कहा तुमने
आदमी की इज़्ज़त होती है पैसों से
उसके पद से, उसकी संपत्ति से
ये तो पैसों और संपत्ति का सम्मान हुआ
और अकेले आदमी का कुछ नहीं
जहां आदमी का मान नहीं, वहां क्या रहना
और क्या बनाना
मैं अकेला भला।
ऐसा लगता है
नास्तिक बने
कातिल
मन में
मोड़
मौन
प्यार
अनदेखा
प्रजा
दिल
मस्तमौला है मन अपने यथार्थ स्वभाव से इसकी मस्ती में कोई खलल ना आने दे...। मस्तमौला है मन अपने यथार्थ स्वभाव से इसकी मस्ती में कोई खलल ना आने दे...।
जब होंगे अपने साथ वह भयानक रात भी दिवाली होगी..........। जब होंगे अपने साथ वह भयानक रात भी दिवाली होगी..........।
सम विसम का भेद न किंचित, मुझे तो अपना अधिकार चाहिए। सम विसम का भेद न किंचित, मुझे तो अपना अधिकार चाहिए।
कैसी है ये जिंदगी क्यूं है ये जिंदगी ये बता जाए कोई... ये बता जाए कोई। कैसी है ये जिंदगी क्यूं है ये जिंदगी ये बता जाए कोई... ये बता जाए कोई।
जाने क्यों यह भूल गई मैं जब होता है दिया तले अंधेरा.................. जाने क्यों यह भूल गई मैं जब होता है दिया तले अंधेरा..................
तो अधूरे कर्मों की पहचान है कर्म करते चलो ..जीने की राह का यही संकेत है …। तो अधूरे कर्मों की पहचान है कर्म करते चलो ..जीने की राह का यही संकेत है …।
प्रेम और स्नेह की बहार हो, वो मेरा प्यार हो। प्रेम और स्नेह की बहार हो, वो मेरा प्यार हो।
सुनो मेरे जीवन में और नहीं यह घर तेरा है इस घर की मालकिन तुम ही हो।। सुनो मेरे जीवन में और नहीं यह घर तेरा है इस घर की मालकिन तुम ही हो।।
अब ऑनलाइन शिक्षा, हमारे जीवन में जैसे रच बस सी गई है।। अब ऑनलाइन शिक्षा, हमारे जीवन में जैसे रच बस सी गई है।।
जांच पात का भेद मिटाओ। भारत को मजबूत बनाओ। जांच पात का भेद मिटाओ। भारत को मजबूत बनाओ।
माँ त्याग करती है अपना पूरा जीवन- प्रत्येक माँ की ये ही परिभाषा…! माँ त्याग करती है अपना पूरा जीवन- प्रत्येक माँ की ये ही परिभाषा…!
ये कैसी उलझी हुई अजीब है मेरी रियलिटी, इसे प्यार कहूं या फॉर्मेलिटी ये कैसी उलझी हुई अजीब है मेरी रियलिटी, इसे प्यार कहूं या फॉर्मेलिटी
हर जन्म, शायद खिच लाएगी बार - बार l मां तुम्हारी याद आएगी बार-बार। हर जन्म, शायद खिच लाएगी बार - बार l मां तुम्हारी याद आएगी बार-बार।
ताकते अंतरिक्ष तक चलेगी जय हिंदुस्तान की जय हिंद जय भारत। ताकते अंतरिक्ष तक चलेगी जय हिंदुस्तान की जय हिंद जय भारत।
मंगल हो सबका, सबकी हर मंगलकामना पूरी हो जाए। मंगल हो सबका, सबकी हर मंगलकामना पूरी हो जाए।
जिस पैसे को उम्र भर कमाता रहा आज वही पैसा राख में ढेर हो गया। जिस पैसे को उम्र भर कमाता रहा आज वही पैसा राख में ढेर हो गया।
होंगे बेदखल अब वो इतिहास से हमारे, मिटाया जिन्होंने इतिहास को हमारे ! होंगे बेदखल अब वो इतिहास से हमारे, मिटाया जिन्होंने इतिहास को हमारे !
कुछ इस अद्भुत अंदाज़ में ज़िन्दगी उसके द्वारे मुस्काएगी और लहलहायेगी।। कुछ इस अद्भुत अंदाज़ में ज़िन्दगी उसके द्वारे मुस्काएगी और लहलहायेगी।।
जीते रहो विनीत जीवन विद्यार्थी का तो हो जा्येगा लेना सफल जन्म मानव का।। जीते रहो विनीत जीवन विद्यार्थी का तो हो जा्येगा लेना सफल जन्म मानव का।।