अंकीय प्रेम
अंकीय प्रेम
सूचना एवं प्रसारण के
इस अत्याधुनिक युग ने
मानवीय संवेदनाओं को,
ज़ाहिर सी बात है,
एक अनसुलझी समस्याओं की
कशमकश में लाकर रख दिया है...!
आज, निसंदेह अकल्पनीय है, मगर
इस अंकीय काल ने
मानवीय प्रेम की परिभाषा ही
बदल कर रख दी है...!!
और आज के इस त्वरित युग ने
अत्याधुनिकता की
सारी हदें पार कर
बड़ी बेरहमी से
इस खूबसूरत दिल की
धड़कनों में बसी
प्रेम की भावनाओं को
महज़
हिसाब की बारिकियों
तक सिमटकर रख दिया है...!
क्या इसीलिए इसे
अंकीय प्रेम कहते हैं...???
