अनकहे रिश्ते
अनकहे रिश्ते
रब जाने उसने इंसान बनाया है या भेजा कोई फ़रिश्ता है
जो ख़ास है हम दोनों में, वो भी एक अनकहा सा रिश्ता है
वो अक्सर बिना बात के मुझसे उलझ जाया करती है
मगर मुश्किलों में बिन कहे सब समझ जाया करती है
उससे दिल की बात कहने में ज़रा भी डर नहीं लगता
परेशान हो जाता हूँ, मेरा दिल उसके बगैर नहीं लगता
उसके साथ ये सफ़र कब तक है मुझे ख़ुद पता नहीं!
वो भी कब देगी साथ, उसने भी अब तक बताया नहीं!
ये अनकहा सा रिश्ता, बिना कहे भी सब कह जाता है,
यही वजह है दिल उस अजनबी का होकर रह जाता है!