ज़िन्दगी खेल नहीं
ज़िन्दगी खेल नहीं
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जिंदगी खेल नहीं फ़िर भी खेलना पड़ता है
हार, जीत जो भी हो सब झेलना पड़ता है।
एक पेट की ख़ातिर है सारी दुनियादारी
भूख मिटाने की ख़ातिर लड़ना पड़ता है।
जैसी भी जिंदगी इसे हम जिए जा रहे हैं
दर्द और खुशी पानी समझ पिए जा रहे हैं।
मैं भी ज़िंदगी से लड़ते लड़ते मर जाऊँगा
लोग पढ़ें मुझे, कुछ तो ऐसा कर जाऊँगा।