Budding writer. Working as a news writer intern and editor. You all can connect me on instagram @ashishmishra2310
मैं कुछ भी कर लूँ सब की ख़ातिर, मगर मैं पराई हूं। मैं कुछ भी कर लूँ सब की ख़ातिर, मगर मैं पराई हूं।
ना चाह के भी उसे स्टेशन के बाहर छोड़ आया। ना चाह के भी उसे स्टेशन के बाहर छोड़ आया।
जिंदगी खेल नहीं फ़िर भी खेलना पड़ता है हार, जीत जो भी हो सब झेलना पड़ता है। जिंदगी खेल नहीं फ़िर भी खेलना पड़ता है हार, जीत जो भी हो सब झेलना पड़ता है।
उससे दिल की बात कहने में ज़रा भी डर नहीं लगता परेशान हो जाता हूँ, उससे दिल की बात कहने में ज़रा भी डर नहीं लगता परेशान हो जाता हूँ,
नाराज हूँ ख़ुदा, डाक्टर हारे थे मग़र तू बेचारा ना था। नाराज हूँ ख़ुदा, डाक्टर हारे थे मग़र तू बेचारा ना था।
गाँव के बरगद की छाँव अच्छी है, क्या करोगे लेकर मकान शहर में। गाँव के बरगद की छाँव अच्छी है, क्या करोगे लेकर मकान शहर में।
जाने किस गुरूर में, रिश्ते थे तोड़ दिए, जाने किस बात का था गुमान तुझ को जाने किस गुरूर में, रिश्ते थे तोड़ दिए, जाने किस बात का था गुमान तुझ को