अनजान मेहमान
अनजान मेहमान
मेरा जो भी नाम था सब अनजान था
सिर्फ़ तेरा इश्क ही मेरी पहचान था
जिसे भगाने में लग जाता है पूरा घर
मैं भी तेरी बातों का वो मेहमान था
तू चाहे जितनी नफरत करे मुझसे
मेरे लिए तो तू ही मेरा रहमान था
मेरा जो भी नाम था सब अनजान था
सिर्फ़ तेरा इश्क ही मेरी पहचान था
जिसे भगाने में लग जाता है पूरा घर
मैं भी तेरी बातों का वो मेहमान था
तू चाहे जितनी नफरत करे मुझसे
मेरे लिए तो तू ही मेरा रहमान था