अनाथ..!
अनाथ..!
दुनियाँ की नजरों
में,
मैं एक आघात
हूँ,
मैं अकेला,तनहा
मुश्किल
हालात हूँ,
चंद,सुख के लिए
पैदा करके
कचरे में
फेंक गये,जो
मैं वो विश्वासघात
हूँ,
समाज कि गंदी
नजरों की
मैं
सौगात हूँ,
लोगों के जैसा
औऱ लोगों
के
साथ हूँ,
बड़ा दुःख होता है
कहते हुये कि
मैं एक अनाथ
हूँ,!