अमर रहे गणतंत्र हमारा
अमर रहे गणतंत्र हमारा
धरती से लेकर अम्बर तक सबने यही पुकारा,
लहर लहर लहराता नभ में शान तिरंगा प्यारा,
सत्य सनातन धर्म पे चलके विश्व गुरु कहलाए,
बोले सस्वर भारतवासीअमर रहे गणतंत्र हमारा।।
रक्त बहाए कितने हमने आजादी पाने को,
बलि चढ़ा दी बलि वेदी पर खुशहाली पाने को,
कितनी लाशें बिछा गये बह गई रक्त की धारा,
गूंजे जयकारे भारत के वन्देमातरम् का नारा,
अमर रहे भारत की गाथा अमर शहीदी न्यारा,
बोले सस्वर भारतवासीअमर रहे गणतंत्र हमारा।।
सम्प्रभुता अक्ष्क्षुण्ण रहे महके यह चमन हमारा,
समरसता में पले बढ़े हम सबका सब बनें सहारा,
संविधान है बड़ी विरासत मानें सब हिन्दुस्तानी,
भेदभाव से दूर रहें हम अनुशासन सबने मानी,
अमर रहे गिरिराज हिमालय अमर गंग की धारा,
बोले सस्वर भारतवासीअमर रहे गणतंत्र हमारा।।
सबमें हो ईमान धर्म और सबमें हो भाई चारा,
बनी रहे एकता हमारी बहे समृद्धि की धारा,
स्वच्छ प्रशासन लोकनीति हो राजनीति की बातें
आल्हादित हो जीवन सबका जन गण मन हो न्यारा,
अमर रहे यह कीर्ति जगत में अमर विरासत प्यारा,
बोले सस्वर भारतवासी अमर रहे गणतंत्र हमारा।।
