अलविदा
अलविदा
जीवन का सबसे कठिन क्षण वह होता है जब कोई अपने अपनों को हमेशा के लिए छोड़ कर जाने के कगार पर होता है...
कभी तिनका -तिनका जोड़कर
संजोया था जिस परिवार को ,
बहुत सारा प्यार और
थोड़ा बहुत डांट से जिसे सींचा था अबतक ।
एक डोर से बांधकर रखा था जिस परिवार को,
आज उस परिवार को अलविदा कहने की घड़ी आ गई ।
परिवार की जिम्मेदारी उठाते- उठाते
थक चुका था शरीर ,
बूढ़ी हड्डियां जवाब दे चुकी थी
प्राण पखेरू उड़ने को बेताब थे।
अपने चारों ओर घिरे अपनों को देख
खुलीं हुई आंखों से बह रही थी अविराम अश्रु धारा ,
जैसे मांग रहीं हो बस थोड़ा सा मोहलत ।
हृदय की मूक आर्तनाद
छ्लनी कर रही थी आत्मा को ,
हमेशा के लिए सब को छोड़ जाने की वेदना
शब्दों से परे थी ।
लड़खड़ातीं हुई जवां से
अंतिम बार कुछ कहने को बेताब थी
जोर -जोर से चलतीं अंतिम सांसें भी
शरीर साथ छोड़ने को उतारू थी ।
अंतिम बेला में, अंतिम बार
सबको जी भरकर देखने की
अंतिम कोशिश थी ,
जो अंतिम सांसो के संग
एक अधूरी आस शेष रह गईं ।। ।
