लायक बेटा
लायक बेटा
सब अपने वृद्ध माता-पिता को वृद्धाश्रम नहीं भेजते हैं...
कुछ लायक़ बेटे ऐसे भी होते हैं......
ए बुड्ढे.... तुम चुप रहो ,
इतना बक-बक मत करो
कुछ साल और है बाकी ...
फिर तो जाना है तुम्हे इस दुनियां से,
क्यूं ...इतना अपना दिमाग लगातें हो
सोएं रहो न चुपचाप ,
हर एक काम में करतें हो हस्तक्षेप
तुम से ज्यादा है दिमाग़
भूल क्यों जाते हों ....
कुछ दिनों के हो मेहमान ।
भगवान को याद करों
जो ...तुम्हें मिलेगी शान्ति ,
कोई जरूरत नहीं है... सलाह मसहांर की
हमें अपने हिसाब से रहने दो।
तुम से ज्यादा है हमें समझ
इस लिए.... हम न सुनेंगे ,
समय गया है बदल...
नये जमाने के है हम,
हम में है अभी पूरा यौवन और
तुम से ज्यादा है हम बलवान ,
शरीर और बुद्धि...दोनों से तो गए हो क्षीण
रहो पड़े कोने में चुपचाप ,
भले ही.... तुम ने दिया है जन्म
रगों में दौड़ रहा है तुम्हारा खून,
पाल पोसकर किया हमें बड़ा
जो सब करते हैं वोही तुमने भी किया ,
इस से ज्यादा कुछ भी ना किया
एहसान फरामोश नहीं है हम,
बदले में अब.. करते हैं तुम्हारा देखभाल
खर्चा सारा है उठाते
अपने सपनों की देकर कुर्बानी ।
अब तो ऐसा लगता है ...
सारे ख्वाब .... ख्वाब बनकर रह जाएंगे
जब तक तुम साथ रहोगे...
पर... यह बात तो हैं.. पक्की
चाहे तो स्टांप पेपर पर लिखवा लो ,
तुम्हारे मरने के बाद .....
सारे क्रियाक्रम होगी बड़े... ही धूमधाम से ,
कोई भी न होगी कमी
देखने वाले देखते रह जाएंगे ,
सबके जुवां पे रहेंगी सिर्फ ....यही बात
देखो..... वो है एक लायक़ बेटा ।।
