ज्यादातर एक उलझी हुई, पहेली होती हूँ मैं। ज्यादातर एक उलझी हुई, पहेली होती हूँ मैं।
तुम्हारा स्नेह ही तो मेरी संजीवनी माँ तुम हो तभी मैं हूँ। तुम्हारा स्नेह ही तो मेरी संजीवनी माँ तुम हो तभी मैं हूँ।
कि बिखरने न पाये, और प्ले स्टोर पर ढूंढना पडे़। कि बिखरने न पाये, और प्ले स्टोर पर ढूंढना पडे़।
आओ मिलकर खाते हैं, कच्ची पक्की रोटियां। आओ मिलकर खाते हैं, कच्ची पक्की रोटियां।
बलिदान और बलात्कार की खबरें जन्म और मृत्यु की खबरें दंगा फसाद की खबरें। बलिदान और बलात्कार की खबरें जन्म और मृत्यु की खबरें दंगा फसाद की खबरें।
जीत की फिक्र छोड़िए, अपनी लगन, दृढ़ता से पीछे मत हटिये। जीत की फिक्र छोड़िए, अपनी लगन, दृढ़ता से पीछे मत हटिये।