माँ तुम्हीं तो मेरा पहला प्यार
माँ तुम्हीं तो मेरा पहला प्यार
माँ माँ माँ
हाँ पहला शब्द यही तो सीखा
तुम्हीं तो हो वो
जो याद आती हो
हर हार पर
हर जीत पर
तुमने ही तो सिखाया मुझे
हार कर भी हँसना
गिर कर भी संभलना
मेरी हर जिद को
तुमने है माना माँ
मेरे हर सपने को
पूरा करने को ठाना है
हर बार लड़ी हो सबसे
मेरा हर इच्छा को पूरा करने
हर बार कमर कसी हो तुम
जब भी मेरी संवेदनाएं
मरुभूमि में तब्दील
होने को तत्पर होती है
मुझे मनुष्यता का
एहसास कराती हो
तुम्हीं हो जो झट से
पढ़ जाती हो
मेरे हर मनोभाव को
मीलों की दूरियाँ हैं
फिर कैसे जान जाती हो
खुश हूँ या उदास हूँ
स्वस्थ हूँ या बीमार हूँ
झेलती हो मेरी हर बकवास को
तुम्हीं तो हो मेरी पक्की सहेली
माँ तुम्हीं तो मेरा पहला प्यार हो
मेरी सांसों में है
मेरी नींदों में, मेरे ख्वाबों में है
माँ मेरे जीवन के हर लम्हों में
तेरा ही तो साथ है।
मेरे जीवन की तुम
शीतल बयार हो माँ
तुम्हीं मेरी दुर्गा मेरी, लक्ष्मी
तुम्हीं मेरी गौरा औ पार्वती
तुम्हीं सीता, तुम्ही अहिल्या
तुम्हारा गोद ही मेरा स्वर्ग है माँ
तुम्हारा स्नेह ही तो मेरी संजीवनी
माँ तुम हो तभी मैं हूँ।