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Bhawana Raizada

Abstract

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Bhawana Raizada

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कच्ची पक्की रोटियां

कच्ची पक्की रोटियां

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आओ मिलकर पकाते हैं,

कच्ची पक्की रोटियां।

जो तुम्हारा हो साथ तो,

भली हैं कच्ची पक्की रोटियां।


मैं चुन लाया हूँ कुछ,

सुखी पड़ी लकड़ियां।

तुम फूंक दो इनमें जान,

तो मिट जाएं महबूरियाँ।

आओ मिलकर पकाते हैं,

कच्ची पक्की रोटियां।


तुम्हारे नरम हाथों से,

गूंदा है ये नरम आटा।

मेरे तेरे प्यार ने मिलकर,

बनायीं हैं कुछ लोइयाँ।

आओ मिलकर पकाते हैं,

कच्ची पक्की रोटियां।


मैं ढूंढ लाया हूँ ये,

तवा एक पुराना सा।

पूनम के चाँद सी तेरी सूरत,

चूड़ी की खनक और बिलती रोटीयां।

आओ मिलकर पकाते हैं,

कच्ची पक्की रोटियां।


मध्यम रखना आंच अपने प्यार की तरह,

थोड़ा रूठना, थोड़ा मनाना, ज़रा पलट देना।

फिर थोड़ा सा मुस्कुराकर, इतराकर,

आंच पर सिक कर मुह फुलाती रोटियां।

आओ मिलकर पकाते हैं,

कच्ची पक्की रोटियां।


एक अचार आम का और एक कटा प्याज़,

एक टेढ़ी मेढ़ी थाली और एक गिलास।

मैं पानी भर कर लाता हूँ और,

तुम कर लो सारी तैयारियां।

आओ मिलकर खाते हैं,

कच्ची पक्की रोटियां।


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