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S Ram Verma

Romance

2  

S Ram Verma

Romance

अलौकिक प्रेम

अलौकिक प्रेम

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कैसे लौकिक इंसान का 

लौकिक प्रेम भी

अलौकिक हो जाता है  

वो सारे सितारे जो इतनी 

दूर आसमान की गोद में  

टिमटिमाते हुए भी

गवाह बन जाते है 

उन प्रेमी जोड़ियों 

के जो सितारों के 

इतने दूरस्थ होने 

के बावजूद भी

उनकी उपस्थिति को 

अपने इतनी निकट 

स्वीकारते है की

अपनी हर बात को  

एक दूजे के कान में 

फुसफुसाते हुए कहते है

वो सितारे जो आसमान

की गोद में अक्सर ही 

टिमटिमाते रहते है

वो ही इन प्रेमी जोड़ों 

के प्रेम के अलौकिक 

गवाह बन जाते है

इस लोक के प्रेम को 

अलौकिक प्रेम का  

दर्जा दिलाने के लिए !


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