अक्सर पूछते हैं वो
अक्सर पूछते हैं वो
उजाड़ के दिल का बाग, खुशहाली पुछते हैं वो
छीन कर मुस्कान, हँसी जाली पूछते हैं वो।
क्या खूब किरदार निभाया मेरी मेरी जिन्दगी में
चुराकर चमक चेहरे की लाली पूछते हैं वो।
था एक घरौंदा उनके आँगन के पेड़ पर
काटकर जडें कहाँ गयी डाली पूछते हैं वो।
जो, आप से कभी नीचे ना उतरे आवाज में
मेरे दोस्तों से ही देकर गाली पूछते हैं वो।
रहा करते थे कभी बनकर मालिक इस दिल में
आज पड़ोस में ही मकान खाली पूछते हैं वो।