अक्सर इश्क एकतरफा रह जाता है
अक्सर इश्क एकतरफा रह जाता है
प्यार अक्सर एकतरफा रह जाता है , सुनता रहा।
फिर भी अपने दिल में तेरी तस्वीर को चूमता रहा।
तू लगातार मेरी मोहब्बत का दामोदार करता रहा।
सब जानकर भी मैं तुझे शिद्दत से प्यार करता रहा।
खुद की अहमियत ही खो दिया है तेरे सामने मैंने।
मान जायेगा तू एक दिन तेरा इंतजार करता रहा ।
मेरी आन बान और शान कुर्बान है तुझ पर जान ।
अब तो तू मुकर गया एतबार मैं तुझपे करता रहा ।
चाहे जितना ठुकराए मुझको दिल चाहेगा तुझको।
तेरी बेरुखी पर मैं खुद को गुनहगार समझता रहा।
दोनो यही इस बार करे तू मन की हम प्यार करे।
जिद दोनो कायम मैं प्यार तू खिलवाड़ करता रहा।
हम तो अपनी धुन में कुछ यूँ पागल बनकर रहे।
तू अपनी ज़िन्दगी के सारे शौक सवार करता रहा.